मलेरिया से जुड़े रोचक तथ्य

Dear Readers,

मलेरिया एक प्रकार की खतरनाक बीमारी है, जो मादा एनोफिलीज मच्छरों के काटने से होता है। इस मादा एनोफिलीज मच्छर के अंदर प्लाजमोडियम नामक परजीवी पाये जाते हैं, जो इस मच्छर के काटने से हमारे रक्त में फैल जाते हैं और फैलने के चार या पांच दिन बाद हमारे शरीर में मलेरिया रोग के लक्षण प्रकट होने लगते हैं। इस आर्टिकल में हमलोग मलेरिया रोग से संबंधित कुछ रोचक, अद्भुत, महत्वपूर्ण और ज्ञानवर्धक तथ्यों के बारे में जानेंगे, तो चलिए इस आर्टिकल को शुरू करते हैं।

Facts about Malaria in hindi

मलेरिया से संबंधित रोचक तथ्य

1. मलेरिया एक प्रकार का बुखार है, जो सर्दी लगकर आता है। इसके मरीज को रोजाना या एक दिन छोड़कर दूसरे दिन तेज बुखार आता है।

2. मलेरिया परजीवी जीवाणु की वजह से फैलते हैं, जो इतने छोटे होते हैं कि उन्हें सिर्फ माइक्रोस्कोप की सहायता से ही देखा जा सकता है।

3. मलेरिया रोग केवल मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से ही फैलता है, क्योंकि इस मच्छर में मलेरिया फैलाने वाले परजीवी जीवाणु पाये जाते हैं।

4. प्लाजमोडियम वाइवेक्स और प्लाजमोडियम फैल्सीफेरम को ही मुख्य रुप से मलेरिया रोग फैलाने के लिए जाना जाता है।

5. जब संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटती है, तो वह अपने लार के साथ उस व्यक्ति के रक्त में मलेरिया परजीवियों को भी पहुंचा देती है और व्यक्ति संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने के लगभग कुछ ही दिन बाद मलेरिया रोग से ग्रस्त हो जाता है।

6. मलेरिया के मच्छर मादा एनोफिलीज की खोज डाॅ रोनाल्ड राॅस ने किया था। इसके लिए इन्हें दिसंबर, 1902 में चिकित्सा के क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार भी मिला।

7. मलेरिया के मच्छर मादा एनोफिलीज की खोज करते समय डाॅ रोनाल्ड राॅस मलेरिया के मरीजों को मच्छरदानी के अंदर बैठाकर मच्छरों से कटवाते। मरीजों को इसके लिए यानी मच्छरों से अपना खून चुसवाने के लिए कुछ पैसे मिलतें।

8. जब असंक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छर मलेरिया से ग्रसित किसी व्यक्ति को काटती है, तो रोगी के खून के साथ मलेरिया परजीवी को भी चुस लेती है और 12 से 14 दिनों के भीतर ये भी संक्रमित होकर मलेरिया फैलाने लगती है। इस तरह एक मलेरिया रोगी से यह रोग कई लोगों में compounding interest की तरह फैलता जाता है।

9. मलेरिया शब्द इटालियन भाषा के शब्द 'माला एरिया' से बना है, जिसका अर्थ बुरी हवा होता है।

10. मलेरिया को दलदली बुखार (Marsh fever) भी कहा जाता है।

11. क्या आपको पता है, गंदे पानी में मच्छरों के लार्वा तैरते रहते हैं, इसलिए इसमें मिट्टी तेल का छिड़काव कर देना चाहिए क्योंकि इससे पानी का पृष्ठ तनाव कम हो जाता है जिससे की मच्छर के लार्वा पानी में डुबकर मर जाते हैं।

12. विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) की तरफ से प्रत्येक वर्ष 25 April को लगभग बहुत से देशों में मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी के प्रति जागरूक होने के लिए "विश्व मलेरिया दिवस" मनाया जाता है।

मलेरिया रोग के लक्षण क्या-क्या हो सकते हैं..?
मलेरिया से ग्रसित मरीज में ये निम्न लक्षण धीरे-धीरे प्रकट होने लगते हैं।
  • सर्दी लगकर बुखार आना।
  • इसके मरीज को रोजाना या एक दिन छोड़कर अगले दिन तेज बुखार आना।
  • शरीर में थकान, सरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी का आना और बेहोशी का होना इत्यादि।
  • एनीमिया, त्वचा की पीली रंग की विकृति का होना।

मच्छरों से बचने के लिए कुछ आसान उपाय..!
मच्छरों से बचने के लिए अपने घर के आस-पास सफाई का ध्यान रखें और निचे बताये गये बातों को ध्यान से follow करें।
  • अपने आस-पास गंदे पानी जमा न होने दें और हो सके तो गड्ढों को भर दें।
  • अपने दैनिक जीवन में उपयोग किए जाने वाले पानी के वर्तन, टंकी और कूलर इत्यादि को साफ रखें और हफ्ते में एक बार जरूर सुखायें।
  • सोते समय हमेशा अच्छे मच्छरदानी का प्रयोग करें।
  • अपने आस-पास के जमे हुए गंदे पानी में मिट्टी तेल का छिड़काव करें, क्योंकि ऐसा करने से मच्छरों के लार्वा पानी में डुबकर मर जाते हैं।

Conclusion ;
Finally, ये रहा मलेरिया से संबंधित कुछ रोचक और ज्ञानवर्धक तथ्य इस आर्टिकल में हमलोगों ने मलेरिया से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य और मलेरिया रोग के मच्छरों से बचने के कुछ सामान्य उपायों को जाना। यह आर्टिकल 'मलेरिया से जुड़े रोचक तथ्य' आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके जरुर बतायें और अंत तक आर्टिकल पढ़ने के लिए शुक्रिया।

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